मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए गेहूं 1 रुपये प्रति किलो और चावल दो रुपये प्रति किलो उपलब्ध कराई जाएगी। यह निर्णय आगामी जून महीने से लागू हो जाएगा। इस निर्णय से प्रदेश की आधी आबादी को फायदा होगा। फायदा पाने वालों में 8 लाख अंत्योदय परिवार और 56 लाख बीपीएल परिवार होंगें। इस निर्णय से सरकार के खजाने पर 360 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
इस समय अंत्योदय परिवारांे को 35 किलो और बीपीएल परिवारों को 20 किलो अनाज मुहैया कराया जा रहा है। सरकार पर इस योजना से 470 करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है। नई योजना के कारण सरकार पर पड़ने वाला कुल बोझ 800 करोड़ रुपये का हो जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की योजना संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक के पारित होने के पहले आई है। उस विधेयक मे गेहूं 2 रुपये प्रति किलो और चावल 3 रुपये प्रति किलो उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। जाहिर है कि मध्य प्रदेश का यह ताजा निर्णय केन्द्र सरकार के खाद्य सुरक्षा निर्णय को छोटा दिखाने का प्रयास है। चैहान यह लोगों को बताना चाहते हैं कि भाजपा गरीबों को भोजन कराने के मामले में कांग्रेस से ज्यादा उदार है। आगामी नवंबर महीने में प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री उस चुनाव में इसे मसला बनाकर फायदा उठाने की कोशिश में हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने एक संवाद जारी करते हुए बताया कि केन्द्र सरकार से उसे बीपीएल परिवारों के लिए गेहूं 5 रुपये प्रति किलो और चावल साढ़े 6 रुपये प्रति किलो मिलता है। राज्य सरकार उन्हें और सस्ता करके बेचती है। ढुलाई का खर्च और कमीशन पर आने वाला खर्च भी राज्य सरकार ही वहन करती है।
मतदाताओं को और भी रीझाने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी 313 प्रखंडों में बीपीएल परिवारों को आयोडाइज्ड नमक एक रुपये प्रति किलो बेचने का निर्णय किया है। यह निर्णय भी जून महीने से लागू हो जाएगा। इस समय यह सुविधा सिर्फ आदिवासी बाहुल्य वाले 89 प्रखंडों में उपलब्ध है। इस निर्णय से राज्य सरकार पर 40 करोड़ रुपये सालाना का अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ेगा।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर टिप्पणी करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने कहा है कि श्री चैहान ने केन्द्र सरकार की योजना का श्रेय लेने का क्षुद्र प्रयास एक बार फिर किया है।
एक तरफ मुख्यमंत्री अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए एक के बाद एक घोषणाएं करते जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश मंे अपराध की घटनाओं मे ताबड़तोड़ वृद्धि हो रही है। मासूम बच्चियों के साथ हो रही बलात्कार की घटनाओं ने मुख्यमंत्री की छवि को काफी खराब किया है। एक अखबार के अनुसार 90 दिन में प्रदेश में 88 मासूमों के साथ बलात्कार हुए। उनमें 27 बालिकाओं की उम्र तो 10 साल से भ्ी कम थी। ये आंकड़े वास्तविक संख्या से कम ही होंगे, क्योकि सभी घटनाओं की रिपोर्ट नहीं लिखाई जाती और न ही लिखी जाती। नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो के रिकार्ड के अनुसार 2010 में 1182 नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार हुए थे। इन घटनाओं ने मुख्यमंत्री को अपनी घोषणाओ से प्रचार का लाभ पाने से कुछ हद तक वंचित कर दिया है। (संवाद)
मतदाताओं को रिझाने का चौहान का प्रयास जारी
अपराध की बढ़ती घटनाओं से प्रदेश की छवि हो रही है धूमिल
एल एस हरदेनिया - 2013-04-27 12:26
भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं को रिझाने का काम जारी है और इसके लिए सरकारी खजाने को खोल दिया गया है, पर दूसरी तरफ अपराध की कुछ घटनाओ से प्रदेश और मुख्यमंत्री की छवि लगातार धूमिल होती जा रही है।