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गोरखधंधा

सामान्य अर्थों में उलट-फेर वाले कामों को गोरखधंधा कहा जाता है। यह शब्द वास्तव में गोरखपंथी योगियों के उस कला से निकला है जिसमें वे लोहे या लकड़ी की सलाइयों के हेर-फेर से चक्र बनाकर उसके बीच में एक छेद करते हैं तथा उसमें कौड़ी, माला, या वैसे ही धागे को डालकर मंत्र पढ़ते हुए उसे निकाला करते हैं। इस जटिल क्रिया को करना ही गोरखधंधा या धन्धारी कहा जाता है।


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