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भारत

वंश कांग्रेस की समस्या का समाधान नहीं

आमूलचूल बदलाव ही कांग्रेस को बचा सकता है
कल्याणी शंकर - 2014-05-23 17:16
कांग्रेस के अन्दर बदलाव की चाहे जितनी बात हो, लेकिन बदलता कुछ नहीं है। अपनी सबसे शर्मनाक पराजय के बाद कांग्रेस में जिस तरह की प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जा रही हैं, उससे इस बात की पुष्टि होती है। यह सच है कि कोई यह उम्मीद नहीं करता कि कांग्रेस नेहरू खानदान से छुटकारा पा लेगा, क्योंकि यही पार्टी को एक करके रखता है। यही कारण है कि खानदान की गिरती साख के बावजूद कांग्रेस पर यह खानदान हावी है। यह खानदान अब पार्टी की जीत सुनिश्चित नहीं कर सकता। उसके उम्मीदवारों को वोट भी नहीं दिला सकता, लेकिन पार्टी को एक रखने की क्षमता अभी भी इसमें शेष बची हुई है। इसलिए नेतृत्व में बदलाव भी इस समय कोई विकल्प नहीं है। कांग्रेस के लिए आज जरूरी यह है कि इसमें आमूलचूल बदलाव हो।
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पश्चिम बंगाल में वामदल हाशिए पर

भाजपा को मिली बड़ी बढ़त
आशीष बिश्वास - 2014-05-23 05:02
कोलकाताः लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल में एक तथ्य सबका सिर चकरा रहा है और वह यह है कि भाजपा की बढ़त से वाम दल हाशिए पर क्यों चले गए। भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ रहा है, यह तो साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन इसके कारण माना जा रहा था कि तृणमूल कांग्रेस को नुकसान होगा और वामपंथी दलों को फायदा होगा।
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भाजपा की यह रिकार्ड तोड़ जीत क्यों?

जाति समीकरण उसके अनुकूल थी
उपेन्द प्रसाद - 2014-05-22 04:13
कुछ राजनैतिक विश्लेषकांे का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में लोगों ने जाति की दीवारें तोड़ दीं और इसके कारण भारतीय जनता पार्टी की रिकार्ड तोड़ जीत हुई। लेकिन सचाई यह नहीं है। सचाई यह है कि जातीय समीकरण भारतीय जनता पार्टी के पक्ष मे थे, इसलिए उसकी जीत हुई। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड की 134 लोकसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों को 116 सीटें मिलीं। भाजपा को खुद 105 सीटें मिली। यदि शेष 11 सीटों पर भी भाजपा के ही उम्मीदवार होते, तो भी उन क्षेत्रों से वे ही जीतते।
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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, सपा और बसपा का सूपड़ा साफ

मोदी लहर ने कहर बरपाया
प्रदीप कपूर - 2014-05-20 11:49
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा के चुनाव ने तीन प्रधानमंत्री उम्मीदवारों की उम्मीदों पर न केवल पानी फेर दिया है, बल्कि उन्हें सदमे में भी डाल दिया है। राहुल गांधी, मुलायम सिंह यादव और मायावती प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, लेकिन सपना पूरा होना तो दूर, तीनों के सामने अस्तित्व का संकट भी खड़ा होता दिखाई दे रहा है।

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गठबंधन युग का अंत

भाजपा को मिला अकेले बहुमत
हरिहर स्वरूप - 2014-05-19 17:26
बीस साल पूर्व राष्ट्रपति आर वेंकटरमण ने कहा था कि भारत में गठबंधन राजनीति के युग की शुरुआत हो गई है। अब दो दशक के बाद गठबंधन युग का अंत हो गया है। गठबंधन की राजनीति के युग का अनुभव कोई अच्छा नहीं रहा है। गठबंधन प्रभावी सरकार चलाने में विफल रहा है।
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कांग्रेस की ऐतिहासिक पराजय

उपेन्द्र प्रसाद - 2014-05-17 17:47
लोकसभा का पिछला चुनाव इस मायने में भी ऐतिहासिक है कि इसमें कांग्रेस को अबतक की सबसे करारी हार मिली है। इसके मात्र 45 सांसद लोकसभा में जीतकर आए हैं। इसके पहले 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे कम सीटें मिली थीं। उस समय भी कांग्रेस का नेतृत्व सोनिया गांधी ही कर रही थीं। तब उसे मात्र 112 लोकसभा सीटें मिली थीं। 1998 में सीताराम केसरी के नेतृत्व में हुई 140 सीटो पर जीत से वह बहुत कम थी। गौरतलब हो कि 140 सीटों पर हुई जीत को नाकाफी मानते हुए कांग्रेसियों ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में सीताराम केसरी को अपमानित कर हटा दिया था।

केरल कांग्रेस (मणि) ने दी कांग्रेस को चेतावनी

भाजपा 16 मई के बाद नहीं रहेगी अछूत
पी श्रीकुमारन - 2014-05-16 10:23
तिरुअनंतपुरमः आने वाली घटनाओं की छाया पहले ही दिखाई पड़ने लगती है, ऐसा कई लोग कहते हैं। केरल में कुछ ऐसा ही होता दिखाई पड़ रहा है। केरल कांग्रेस (मणि) ने कुछ इसी तरह के संकेत दिए हें। उसने यूडीएफ का नेतृत्व कर रही कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह राजनैतिक छुआछूत में विश्वास नहीं करती।
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लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद हो सकता है भारी बदलाव

मुलायम सिंह खुद बन सकते हैं मुख्यमंत्री
प्रदीप कपूर - 2014-05-16 01:34
लखनऊः लोकसभा चुनाव के नतीजे उत्तर प्रदेश की राजनीति की दिशा को बदल सकते हैं। इसका असर तो पूरे प्रदेश के राजनैतिक समीकरण पर पड़ेगा, लेकिन इसका प्रभाव अखिलेश सरकार के अस्तित्व पर भी पड़ सकता है। समाजवादी पार्टी की सरकार को तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन अखिलेश यादव मुख्यमंत्री का पद खो सकते हैं और उनकी जगह खुद मुलायम सिंह यादव सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं।
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दिल्ली प्रदेश सरकार के गठन को लेकर अटकलबाजियों का दौर

क्या केजरीवाल फिर से बनेंगे मुख्यमंत्री?
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-05-14 10:22
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद दिल्ली में केन्द्र की सरकार तो बननी है ही, केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली के सरकार गठन का मामला भी लटका हुआ है। केजरीवाल की सरकार के इस्तीफे के बाद कायदे से विधानसभा को भंग कर दिया जाना चाहिए था, क्योंकि कोई वैकल्पिक सरकार बन नहीं पा रही थी, पर उपराज्यपाल ने विघानसभा को निलंबित कर रखा है। विधानसभा को निलंबित रखा जाय या भंग कर दिया जाय, यह एक राजनैतिक निर्णय है और यदि यह भंग नहीं हो पाई है, तो इसके पीछे केन्द्र की यूपीए सरकार की भी कोई समझ है।
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भाजपा को 200 से ज्यादा सीटें मिलने की संभावना

कांग्रेस की कीमत पर बढ़ेगी भाजपा की सीटें
अशोक बी शर्मा - 2014-05-12 11:40
12 मई को अंतिम चरण के मतदान के बाद सबकी नजरें 16 मई पर गड़ गई हैं। उस दिन चुनावी नतीजे आने वाले हैं। नतीजें क्या आएंगे, यह पहले से ही बहुत साफ दिखाई दे रहा है। अनेक मत सर्वेक्षणों के नतीजे हैं कि कांग्रेस और यूपीए की स्थिति बहुत ही खराब है। लोग बदलाव चाहते हैं। अब सिर्फ नम्बरों को लेकर ही अटकलें लगाई जा रही हैं।