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अंतर्बोध अंतश्चेतना का ही दूसरा नाम है, जो वाह्य कारकों या वस्तुओं के आधार पर न होकर आन्तरिक चेतना के स्तर पर होता है।
इस ज्ञान का आधार हमारी ज्ञानेन्द्रियां नहीं होतीं बल्कि किसी आन्तरिक शक्ति के कारण यह ज्ञान आकस्मिक आ जाता है। ऐसा क्यों होता है, इसका कारण भी बहुधा उस व्यक्ति को मालूम नहीं होता।


Page last modified on Thursday December 13, 2012 03:21:02 GMT-0000