जानकारी, ज्ञान, और विवेक का प्रवेशद्वार
हमारा लक्ष्य
हमारा मानना है कि मानव जीवन के केवल चार ही पुरुषार्थ हैं - धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। हमारा लक्ष्य इन्हीं चारों पुरुषार्थों को हासिल करने पर ध्यान केन्द्रित करना है। लेकिन यह तो ज्ञान हासिल किये बिना संभव ही नहीं है। इसलिए स्वाभाविक तौर पर ज्ञान का विस्तार ही इसका मुख्य उद्देश्य बन गया। ईश्वर, स्वतंत्रता तथा अमरता तीन ऐसे महान विचार हैं जिन्हें प्राप्त करने के लिए मानव सतत् प्रयत्नशील रहा है। इस क्रम में ज्ञान का विपुल भंडार हासिल करना संभव हो सका है जिन्हें पांच श्रेणियों - समय, ब्रह्मांड, पदार्थ, ऊर्जा तथा जीवन में बांटा जा सकता है। इन सभी के बारे में ध्यान केन्द्रित करना हमारा मुख्य ध्येय है। जन सेवा के रुप में ज्ञान का प्रसार ही हमारा मुख्य कार्य है। इस यज्ञ में आपका स्वागत है।कृपया इस वेबसाइट के लिए यूनीकोड हिन्दी मंगल फॉंट का उपयोग करें (Please use Unicode Hindi Mangal font for this site)
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