अध्यांतरण
अध्यांतरण वह मानव प्रवृत्ति है जिसके तहत व्यक्ति किसी वस्तु के स्थूल और सीमित स्वरुप से परे जाकर उसके सूक्ष्म तथा असीम रुप का चिंतन करता है।उदाहरण के लिए नदी का अपना स्थूल एवं सीमित स्वरुप है। परन्तु यदि कोई व्यक्ति उसके बाह्य स्वरुप से परे जाकर जब उसकी पवित्रता, सौन्दर्य तथा इस ब्रह्मांड के सम्पूर्ण विधान से उसकी स्थिति, उसके आध्यात्मिक आदि महत्व पर चिंतन करने लगता है तो उसे वाह्य अनुभव के अतिरिक्त एक आन्तरिक अनुभव होने लगता है। यह उस नदी का उसके अन्तःकरण में अध्यांतरण हुआ।
ऐसा चिंतक, चाहे वह दार्शनिक हो या वैज्ञानिक, वस्तु को तत्वतः जानने का प्रयास करता है और उसे जान भी लेता है। स्थूल से सूक्ष्म की ओर उसकी यात्रा उसे अपने अध्ययन की वस्तु के बारे में अनेक रहस्यों को खोल देता है।