अध्यात्म में कपास
अध्यात्म में मन को कपास कहा गया है।सन्त और सिद्ध साहित्य में इस अर्थ में कपास का उल्लेख बहुतायत में मिलता है।
चर्यापद में 'तुला धुनि धुनि' की अभिव्यक्ति हुई है।
सन्त शिवदयाल ने कहा 'धुन धुन धुन डाल अब मन को'।
इस मन रूपी कपास को धुनकर इससे अध्यात्म के पवित्र सूत कातने की बातें अनेकानेक अन्य संतों ने भी कही है जिसमें कबीरदास भी शामिल हैं।