Loading...
 
Skip to main content

अनुज्ञा

अनुज्ञा विरोधमूलक विशेषालंकार है। इस अलंकार में दोषयुक्त चीजों में भी गुण देखा जाता है तथा उसके बाद उन्हीं देखे गये गुणों के आधार पर दोषयुक्त चीजों को ही प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की जाती है।

उदाहरण के लिए विपत्ति बुरी चीज है। कहा जाता है कि विपत्ति आने पर लोग भगवान की शरण में जाते है। इसलिए यदि कोई कहे कि विपत्ति ही अच्छी है क्योंकि इसके कारण व्यक्ति भगवान की शरण में चला जाता है और भगवान शरणागत का कल्याण करते हैं। ऐसी अभिव्यक्ति अनुज्ञा अलंकार कही जायेगी। दोषों में ही गुण देखना इस अलंकार की विशेषता है।


Page last modified on Wednesday December 18, 2013 06:50:37 GMT-0000