अमरूद एक खाने लायक फल है।
-सुबह-शाम एक अमरूद भोजन के पश्चात खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही चिड़चिड़ापन एवं मानसिक तनाव दूर होता है।
-अमरूद का अर्क 10 ग्राम, शहद 5 ग्राम एक-दूसरे में मिलाकर फेट लें। सुबह-शाम इसे खाली पेट सेवन करने से सूखी खाँसी जड़ से समाप्त हो जाती है।
-भोजन के साथ अमरूद की चटनी तथा भोजन के पश्चात अमरूद का मुरब्बा तीन महीने तक खाने से हृदय रोग में लाभ हो सकता है। इससे रक्त संबंधी विकार भी दूर होते हैं तथा पाचन क्रिया तथा पित्त संबंधी विकार भी दूर हो जाते हैं।
-अमरूद के 20-25 पत्तों को पानी में उबालकर पत्ते अलग कर लें। इस पानी को ठंडा करके इसमें फिटकरी मिला दें। इस पानी से कुल्ले करने पर दाँतों का दर्द कम हो जाता है।
-प्रातः खाली पेट 200 ग्राम बीज रहित अमरूद खाकर एक गिलास ठंडा पानी पीने से जमा हुआ पुराना जुकाम बहकर बाहर निकल जाता है।
अमरूद के गुण
आम तौर पर माना जाता है कि अमरूद की तासीर ठंडी होती है। ठंड के दिनों में अमरूद खाने से ठंड से रक्षा होती है। पके हुए अमरूद का 50 ग्राम गूदा, 10 ग्राम शहद के साथ खाने से शरीर में शक्ति व स्फूर्ति बढ़ती है।-सुबह-शाम एक अमरूद भोजन के पश्चात खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही चिड़चिड़ापन एवं मानसिक तनाव दूर होता है।
-अमरूद का अर्क 10 ग्राम, शहद 5 ग्राम एक-दूसरे में मिलाकर फेट लें। सुबह-शाम इसे खाली पेट सेवन करने से सूखी खाँसी जड़ से समाप्त हो जाती है।
-भोजन के साथ अमरूद की चटनी तथा भोजन के पश्चात अमरूद का मुरब्बा तीन महीने तक खाने से हृदय रोग में लाभ हो सकता है। इससे रक्त संबंधी विकार भी दूर होते हैं तथा पाचन क्रिया तथा पित्त संबंधी विकार भी दूर हो जाते हैं।
-अमरूद के 20-25 पत्तों को पानी में उबालकर पत्ते अलग कर लें। इस पानी को ठंडा करके इसमें फिटकरी मिला दें। इस पानी से कुल्ले करने पर दाँतों का दर्द कम हो जाता है।
-प्रातः खाली पेट 200 ग्राम बीज रहित अमरूद खाकर एक गिलास ठंडा पानी पीने से जमा हुआ पुराना जुकाम बहकर बाहर निकल जाता है।