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आवेग

आवेग एक मनोदशा है। यह एक संचारी भाव है। यह एक तरह का अतिशय भय या उत्तेजना है।

किसी भी भाव की जब अतिशयता हो जाती है तो आवेग का जन्म होता है।

आवेग मुख्यतः भय जन्य होता है या हर्ष जन्य। मन का यह वेग क्रोध, शोक, उत्साह आदि से भी उत्पन्न होता है। भावावेग में व्यक्ति किसी भी सीमा तक जा सकता है। भावावेग में व्यक्ति हत्याएं और आत्महत्याएं तक कर लेता है, जिसके असंख्य प्रमाण हैं।

आवेग का असर शरीर के अंगों पर स्पष्ट दिखायी देता है। उदाहरण स्वरूप अतिशय भय से उत्पन्न आवेग में शरीर संकुचित होता है।





Page last modified on Wednesday July 23, 2014 06:26:42 GMT-0000