उलटा बाण
योग में उलटा बाण ऊर्ध्वमुख प्राणवायु को कहते हैं।योगी प्राणायाम का अभ्यास कर इस बाण को पाता है तथा इसी बाण से वह सहस्रार चक्र का भेदन करता है।
भारत के सन्त साहित्य में इसका उल्लेख मिलता है। यहां तक कि कबीर ने भी इसका उल्लेख किया है तथा इसकी महिमा का वर्णन किया है।
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उलटा साधना, उलटी गंगा, उलूक, उलूक ऋषि, उलूक जाति