उलटा साधना
हठयोग में उलटा साधना वह साधना है जिसमें योगी श्वास निरोध कर इंगला को पिंगला के साथ मिला देता है। इसे ही गंगा को यमुना में मिलाना कहा गया। इसे उलटा साधना इसलिए कहा गया क्योंकि भौगोलिक स्थिति यह है कि यमुना ही गंगा में मिलती है। परन्तु इस साधना में उलटा गंगा को यमुना में मिलाया जाता है।इसे सूर्य को उलटकर चन्द्र में विलीन करना भी कहा गया। यह भी उलटा इसलिए हुआ कि सूर्य से ही पृथ्वी निकली और पृथ्वी से चन्द्र। ब्रहमांड विज्ञान में यह भी मालूम है कि एक दिन चन्द्रमा ही सूर्य में विलीन हो जायेगा। परन्तु इस साधना में उलटा सूर्य को चन्द्र में विलीन करता होता है।
कुछ लोग वाममार्गी साधना को भी उलटा साधना कहते हैं। इस वामाचार साधना में लोक प्रचलित साधना की पद्धति से उलटा साधना का विधान हुआ करता था।
सिद्धों में मुद्रा-मैथुन प्रचलित था जिसे लोग उलटा साधना कहते थे परन्तु स्वयं सिद्धों ने ऐसा नहीं कहा। उनके चर्यापदों में अवश्य उलटा साधना का रूपक मिलता है जो सूर्य को उलटकर चन्द्र में लीन करने का साधना है।