उलूक दर्शन
महर्षि कणाद के वैशेषिक दर्शन को औलूक या उलूक दर्शन कहा जाता है। यह नाम दो कारणों से प्रचलित हुआ। पहला यह कि कणाद उलूक ऋषि के वंशज थे और दूसरा यह कि किंवदन्ती के अनुसार भगवान शिव ने उलुक का रूप धारण कर कणाद को छःह पदार्थों का ज्ञान दिया था।