उशना कवि
शुक्राचार्य को उशना कवि के रूप में जाना जाता है।कवि के रूप में उनके महत्व का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि श्रीमद्भगवद गीता में स्वयं कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि वह कवियों में उशना कवि हैं (कविनाम् उशना कवि)।
उशना कवि द्वारा रचित काव्य वेदों और अन्य प्रचीन संस्कृत ग्रंथों में मिलते हैं।