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जिंजी किला

जिंजी पुडुचेरी (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) में स्थित है जो दक्षिण भारत के उत्‍कृष्‍टतम किलों में से एक है। इसका निर्माण नौंवी शताब्‍दी में कराया गया था, जब यह चोल राजवंश के कब्‍जे में था, किन्‍तु यह किला आज जिस रूप में है वह विजय नगर के राजा का कठिन कार्य है, जिन्‍होंने इसे एक अभेद्य दुर्ग बनाया। एक समृद्ध शहर सात पहाडियों पर निर्मित कराया गया है, इनमें से सबसे प्रमुख हैं कृष्‍णागिरि, चंद्रागिरि और राजगिरि।

ऊंची दीवारों से घिरा हुआ यह किला रणनीतिक रूप से इस प्रकार बनाया गया है कि दुश्‍मन इस पर आक्रमण करने से पहले दो बार जरूरत सोचेगा। यह तीन स्‍तरों वाले मजबूत प्रवेश से सुरक्षित है, जो अंदर के दरबार को भी उतनी ही सुरक्षा प्रदान करता है। राजगिरि पर इसके किसी भी दुश्‍मन ने इतनी आसानी से आक्रमण नहीं किया है। आज भी यहां के राज दरबार तक दो घण्‍टे की चढ़ाई के बाद पहुंचा जा सकता है, जो एक थका देने वाला कार्य है, किन्‍तु इसे देखना एक अच्‍छा अनुभव है।

महान ऐतिहासिक रुचि वाला स्‍थल, जिंजी अब एक अभेद्य दुर्ग नहीं रहा, यह तमिलनाडु पर्यटन क्षेत्र का एक सर्वाधिक रोचक स्‍थल बन गया है।

Page last modified on Wednesday April 2, 2014 10:03:21 GMT-0000