जीवनी
जीवनी किसी व्यक्ति के जीवनवृत्तान्त को कहते हैं। हिन्दी में इसे जीवन चरित तथा जीवन-चरित्र भी कहा जाता है। यह साहित्य की एक विधा है जो न तो उपन्यास है न तो इतिहास। व्यक्ति को मनुष्य के रूप में समझने की भावना इसके मूल में होती है। यह मात्र किसी के जीवन से सम्बंधित कथा नहीं है बल्कि जीवन को इसमें क्रमशः अन्वेषित तथा उद्घाटित किया जाता है।जीवनी में मनुष्य के बाह्य और अन्तः दोनों स्वरूपों का वर्णन हो सकता है। इसमें किसी व्यक्ति के जन्म से मृत्यु तक का जीवनवृत्त होता है।
जीवनी लिखने की शैलियां हैं - आत्मीय जीवनी, लोकप्रिय जीवनी, विद्वतापूर्ण जीवनी, मनोवैज्ञानिक जीवनी या व्याख्यात्मक जीवनी, कलात्मक जीवनी, तथा व्यंग्यात्मक जीवनी।
हिन्दी में 1882 से जीवनियां लिखी जा रही हैं। कार्तिक प्रसाद खत्री ने 1893 में मीरा बाई का जीवन-चरित्र लिखा था। अन्य महत्वपूर्ण जीवनी लेखकों में हैं - भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, राधाकृष्ण दास, मुंशी देवीप्रसाद, बालमुकुन्द गुप्त, रामविलास शर्मा, अमृत राय, शांता जोशी आदि।