तार्किकीकरण
तार्किकीकरण एक मनोवैज्ञानिक शब्द है। मनोविज्ञान में यह व्यक्ति की उस प्रक्रिया का नाम है जब वह ऐसी अवस्था में पहुंच जाता है जिसमें अपने किसी सत्य को छिपाने के लिए तर्कों का सहारा लेता है। वह अपने सभी कार्यों-अकार्यों, सफलता-विफलता, हानि-लाभ, विश्वास-अविश्वास, सुकर्म-कुकर्म आदि को तर्कसंगत बताने के लिए कोई तर्क ढूंढता है चाहे वह लचर ही क्यों न हो। यह वास्तविकता को छिपाने का एक उपक्रम होता है।तार्किकीकरण का उपयोग स्वयं को आलोचना या निन्दा से बचाने के लिए होता है। तार्किकीकरण में अल्प सत्य को बढ़ा-चढ़ाकर या किसी अन्य सत्य को इस तरह पेश किया जाता है ताकि उससे कोई अन्य बड़ा सत्य छिप जाये। आम जीवन में इसके अनेक उदाहरण हैं - जैसे समय पर न पहुंचने के लिए दिये गये बहाने, विफलता के कलंक से स्वयं को बचाने के लिए भाग्य, या समाजिक-आर्धिक कारण आदि के दिये गये बहाने।
महाभारत में दुर्योधन का तार्किकीकरण देखें - मैं धर्म नहीं जानता इसलिए प्रवृत्ति नहीं है, अधर्म नहीं जानता इसलिए निवृत्ति नहीं है। हे हृषिकेश, आप ही हृदय में अवस्थित हैं। आप जिस काम में लगाते हैं मैं वही करता हूं। स्पष्ट है कि दुर्योधन इतना बड़ा तर्क स्वयं के बचाव में देता है तथा सारे दुष्कर्म करता चला जाता है, तथा अपने सभी दोष ईश्वर पर मढ़ देता है।