Loading...
 
(Cached)

दिशा द्रव्य

जो किसी वस्तु के सापेक्ष किसी अन्य वस्तु की स्थिति, जैसे ऊपर, नीचे, पूर्व, पश्चिम आदि के लिए व्यवहृत किया जाता है उसे दिशा कहते हैं।
जिस ओर सबसे पूर्व आदित्य या प्रकाश या सूर्य का दर्शन हुआ था, होता है, तथा होगा उसे पूर्व दिशा कहते हैं।
जिस ओर इस आदित्य का अस्त होता दिखायी देता है उसे पश्चिम दिशा कहते हैं। पश्च अर्थात् पीछे। जब व्यक्ति पूर्वाभिमुख होता है तो उसे पीछे या पश्च दिशा को पश्चिम कहते हैं।
जब कोई पूर्व की दिशा में मुख करके खड़ा होता है तो उसके दाहिनी ओर की दिशा को दक्षिण कहा जाता है तथा बायीं ओर की दिशा को उत्तर।
पूर्व तथा दक्षिण के बीच की दिशा को आग्नेयी या अग्नि कोण कहते हैं।
दक्षिण तथा पश्चिम के बीच की दिशा को नैऋति या नैऋति कोण कहते हैं।
पश्चिम तथा उत्तर के बीच की दिशा को वायवी या वायवी कोण कहते हैं।
उत्तर तथा पूर्व के बीच की दिशा को ऐशानी या ईशान कोण कहते हैं।


Page last modified on Friday March 14, 2014 09:11:54 GMT-0000