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दृष्टांत काव्य

दृष्टांत काव्य (गद्य और पद्य) साहित्य की वह विधा है जिसमें कथाओं के दृष्टांत देकर कुछ विशेष बात कही जाती है।
इसके तीन भेद हैं – प्रतीक कथा, उपदेश कथा, तथा उपमित कथा।

प्रतीक कथा में अमानवीय पात्रों का मानवीकरण कर कहानियों के माध्यम से कोई विशेष बात कही जाती है। यह रूपक कथा से थोड़ा भिन्न है क्योंकि रूपक कथाओं के पात्र मानव भी हो सकते हैं। यूरोपीय साहित्य में एलीगरी रूपक कथा ही है। प्रतीक कथा में उपदेश नहीं होता लेकिन कोई ज्ञान की बात कही जाती है। उपदेश होने पर उसे उपदेशकथा कहा जाता है, जिसे यूरोपीय साहित्य में फेबल के नाम से जाना जाता है। उपमितकथा में कथाएं उपमा के तौर पर कही जाती हैं। यूरोपीय साहित्य में इसे ही पैरेबल कहा जाता है। उपमित कथा के पात्र मानव होते हैं।

दृष्टांत काव्य की विशेष बात यह है कि इनमें कोई ज्ञान, सिद्धान्त, धर्म, नीति, आचार-व्यवहार आदि की स्थापना की जाती है।


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