धीर
धीर एक छन्द है। यह वर्णिक छन्दों में समवृत्त का एक भेद है। यह वृत्त तीन तगणों तथा दो गुरुओं के योग से बनता है। इसे विध्यंकमाला तथा विध्वंकमाला नाम से भी जाना जाता है।केशव का एक उदाहरण देखें -
योद्धा भगे बीर शत्रुघ्न आये। कोदण्ड लीन्हें महारोष छाये।
ठाढ़ो तहां एक बालै बिलोक्यो। रोक्यो तहीं जोर नाराच मोक्यो।