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नर्तनक

नर्तनक उपरूपक का एक भेद है। नाटकों में जब कोई नर्तकी लय से युक्त ललितपदार्थाभिनय करती है तब उस विधा वाले उपरूपक को नर्तनक कहा जाता है। नाट्य शास्त्रों के अनुसार नर्तनक में गर्भ तथा विमर्श सन्धियां, मागधी तथा शौरसेनी भाषा, उत्तम एवं अधम नायक, तथा भारती एवं आरभटी वृत्तियां होनी चाहिए।

नर्तनक तीन प्रकार के होते हैं - लास्य, शम्या, तथा द्वलित।

लास्य श्रृंगार विषयक होता है, शम्या किन्नरविषयक लास्य नृत्य युक्त, तथा द्वलित श्रृंगार तथा वीर रस से परिपूर्ण।

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Page last modified on Tuesday June 27, 2023 16:48:19 GMT-0000