नवोढा
नवोढा साहित्य में एक नायिक भेद है। नवोढा का शाब्दिक अर्थ है नव विवाहित स्त्री। अनेक विद्वानों ने इसे मुग्धा नायिका का स्वतंत्र भेद माना है जबकि अनेक अन्य ने इसे ज्ञातयौवना का भेद मानते हैं। ऐसी नायिकाओं में भय और लज्जा के कारण रति में झिझक पायी जाती है। परन्तु उल्लास और आकांक्षा में कमी नहीं होती। हिन्दी साहित्य का रीतिकालीन काव्य में नवोढा नायिकाओं की आतुरता, लज्जा, और भय का चित्रण मिलता है।