नानकपंथ
नानकपंथ सिख धर्म का ही एक नाम है। इसका नामकरण इसके संस्थापक गुरु नानक (1526-1595) के नाम पर किया गया है। गुरु नानक के शिष्यों को कालान्तर में सिख कहा गया जो शिष्य शब्द का ही अपभ्रंश है। बाद में यही सिख शब्द इस धर्म का नाम हो गया। इस पंथ में दस गुरु हुए जिनके नाम हैं - गुरु नानक देव, गुरु अंगद देव, गुरु अमरदास, गुरु रामदास, गुरु अर्जन देव, गुरु हरगोविंद, गुरु हर राय, गुरु हर कृष्ण, गुरु तेग बहादुर, और गुरु गोविंद सिंह। दसवें गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ चलाया।गुरु नानक ने कहा कि आदर्श मानव वही है जिसमें ब्राह्मण जैसी साधना, सत्यप्रियता और चरित्र बल हो, क्षत्रिय जैसी आत्म रक्षा भावना हो, वैश्य जैसी व्यावहारिक बुद्धि है, और शूद्र जैसी सेवा भावना हो।
गुरु ग्रंथसाहब इस पंथ का प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है।