निदर्शना
निदर्शना एक अर्थालंकार है। इसमें किसी चीज का दृष्टान्त दिया जाता है। उद्भट के अनुसार वस्तु में सम्बंध न होते हुए भी सम्बंध की कल्पाना कर ली जाती है तथा उपमान और उपमेयत्व का कथन किया जाता है तो उसे निदर्शना कहते हैं। निदर्शना में दो सापेक्ष वाक्य होते हैं। पहले वाक्य में बात कही जाती है, और दूसरे में उसका उदाहरण दिया जाता है। पहले को उपमेय कहा जाता है तथा दूसरे को उपमान। पहले वाक्य में अर्थात् उपमेय में दूसरे वाक्य का अर्थात् उपमान का अर्थ आरोपित किया जाता है।