निर्णयात्मक आलोचना
निर्णयात्मक आलोचना वह आलोचना है जिसमें कृति से सम्बंध में आलोचक अपना स्पष्ट निर्णय सुनाता है कि वह कृति कैसी है। यह पूरी तरह आलोचक के मानदंडों पर ही आधारित होता है। किसी भी कृति का ऐसा मूल्यांकन करने की परम्परा सबसे पुरानी रही है। इसमें कृति की निरपेक्ष आलोचना संभव ही नहीं होती।