निर्वैयक्तिकतावाद
निर्वैयक्तिकतावाद आलोचना का एक दृष्टिकोण है जिसके तरह आलोचक निर्वैयक्तिक आलोचना करता है, अर्थात् कलाकार के व्यक्तित्व को उसकी रचना से अलग करते हुए रचना की समीक्षा करता है। इसका अर्थ यह हुआ कि कलाकार की सर्जना का मूल्य उतना ही अधिक हो जाता है जितना कि कलाकार का व्यक्तित्व रचना से पृथक होता है।