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पट्टचित्र

उडि़या भाषा में पट्ट का मतलब कैनवास और चित्र का मतलब तस्‍वीर है। इसे हाथ से बनी पट्टी पर बनाया जाता है, जो कपड़ों की कई परतों को एक-दूसरे से चिपकाकर तैयार की जाती है। चित्रकारी के लिए कलाकार हाथ से बनाए हुए प्राकृतिक रंगों का इस्‍तेमाल करते हैं। ओडिशा में पट्टचित्र की बड़ी पुरानी परंपरा है। पट्टचित्र का विषय बहुधा पौराणिक और धार्मिक कहानियां होती हैं। कलाकार इन कहानियों को इस प्रकार तस्‍वीर में उतारता है कि उसे देखकर पूरी कहानी समझी जा सकती है। पट्टचित्रों में मूलरूप से भगवान श्री जगन्‍नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के चित्र होते हैं।

Page last modified on Monday June 23, 2014 10:44:53 GMT-0000