परदेसिया
परदेसिया बिहार का एक भोजपुरी लोकगीत है, जिसमें परदेस गये हुए पति के बारे में चिंता, आशा, और निराशा आदि का भाव होता है। भिखारी ठाकुर रचित विदेशिया गीतों के तर्ज पर परदेसिया गीत रचे गये। गीतों की प्रत्येक पंक्ति में परदेसिया शब्द का उपयोग होता है, ठीक उसी तरह जैसा कि विदेशिया गीतों में होता है। विदेशिया गीत जहां एक ओर उस स्त्री पर केन्द्रित होता है जिसका पति के परदेस में है, वहीं परदेसिया गीत परदेसी पति पर केन्द्रित होता है। दोनों ही गीत स्त्रियों की वेदना के दो भिन्न आयामों को प्रकट करते हैं।परदेसिया गीत का उदाहरण - "परदेसी बलमा मोर, कब अइहें" (स्त्री परदेसी पति की बात करती है)
विदेशिया गीत का उदाहरण - "काटि के तूँ डालि दिहलऽ कुँआ में बिदेसिया" (स्त्री परदेसी पति के सन्दर्भ में अपनी बात करती है)