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परधान

परधान गोंड जनताति की एक शाखा है जो गोंडों में मृतक दान लेने के अधिकारी माने जाते हैं। इसी कारण इन्हें नेगी या रसोंधी भी कहा जाता है। यह मूल रुप से एक लोकगाथा गायक पुरोहित जाति के लोग हैं।

गोंडवानी, पंडवानी और रामायणी गाने के लिए ये प्रसिद्ध हैं।

इनकी दो शाखाएं हैं - पठारी परधान, तथा गोगिया परधान।

ये पौराणिक गोंड गाथाएं तथा गोंड इतिहास भी गाते हैं।

Page last modified on Wednesday August 14, 2013 12:04:47 GMT-0000