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पृथ्वी द्रव्य

भारतीय चिंतन परम्परा में पृथ्वी को एक द्रव्य माना गया है। जिस किसी वस्तु में रूप, रस, गंध तथा स्पर्श संभव हो उसे पृथ्वी द्रव्य कहते हैं तथा उन सभी वस्तुओं को पार्थिव।
पृथ्वी का स्वाभाविक गुण गंध है। इसमें जो रूप है वह अग्नि के कारण, जो रस है वह जल के कारण, जो स्पर्श कर सकने का गुण है वह वायु के कारण है।


Page last modified on Friday March 14, 2014 03:57:12 GMT-0000