पेयजल
पीने योग्य जल को पेयजल कहते हैं। दूषित जल पीने योग्य नहीं होता तथा उनके पीने से व्यक्ति बीमार हो जाता है और कभी-कभी उसकी मृत्यु तक हो जाती है।पंयजल में तीन प्रकार से प्रदूषण होते हैं - खनिज, वानस्पतिक तथा प्राणिज। यदि खनिज जैसे चूना, रेत आदि मिले हों तो उसे पहली श्रेणी का प्रदूषण कहा जायेगा। वानस्पतिक प्रदूषण में खर-पतवार आदि मिले होते हैं। प्राणिज प्रदूषण में उसमें जीवाणु होते हैं जिससे व्यक्ति संक्रमित होकर रोगग्रस्त हो जाता है।