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पेयजल

पीने योग्य जल को पेयजल कहते हैं। दूषित जल पीने योग्य नहीं होता तथा उनके पीने से व्यक्ति बीमार हो जाता है और कभी-कभी उसकी मृत्यु तक हो जाती है।

पंयजल में तीन प्रकार से प्रदूषण होते हैं - खनिज, वानस्पतिक तथा प्राणिज। यदि खनिज जैसे चूना, रेत आदि मिले हों तो उसे पहली श्रेणी का प्रदूषण कहा जायेगा। वानस्पतिक प्रदूषण में खर-पतवार आदि मिले होते हैं। प्राणिज प्रदूषण में उसमें जीवाणु होते हैं जिससे व्यक्ति संक्रमित होकर रोगग्रस्त हो जाता है।

Page last modified on Friday April 4, 2014 04:16:07 GMT-0000