प्रेत
जब किसी व्यक्ति का निधन होता है तब उसके शव को प्रेत कहा जाता है, क्योंकि उस व्यक्ति की आत्मा देह छोड़ चुकी होती है।इस प्रकार भारतीय चिंतन परम्परा में प्रेत कार्य का अर्थ है शव का अन्तिम संस्कार।
इस प्रकार प्रेतात्मा उस व्यक्ति की आत्मा को कहते हैं जिसका वह शव होता है।
ध्यान रहे कि अंधविश्वासियों के प्रेत या प्रेतात्मा से इसका कोई सम्बंध नहीं है क्योंकि भारतीय चिंतन परम्परा में आत्मा अविनाशी है तथा वह एक शरीर का त्याग कर पुनः यथायोग्य शरीर धारण करता है। आत्मा के मृत्यु का कोई प्रश्न ही नहीं होता तथा देहान्तर ही प्राप्त करता है। जीवधारियों के लिए तो केवल देहान्त का ही विधान है।