Loading...
 
Skip to main content
(Cached)

भारत पर सिकंदर का आक्रमण

ईसा पूर्व 326 में सिकंदर सिंधु नदी को पार करके तक्षशिला की ओर बढ़ा व भारत पर आक्रमण किया। तब उसने झेलम व चिनाब नदियों के मध्‍य अवस्थ्ति राज्‍य के राजा पौरस को चुनौती दी। यद्यपि भारतीयों ने हाथियों, जिन्‍हें मेसीडोनिया वासियों ने पहले कभी नहीं देखा था, को साथ लेकर युद्ध किया, परन्‍तु भयंकर युद्ध के बाद भारतीय हार गए। सिकंदर ने पौरस को गिरफ्तार कर लिया, तथा जैसे उसने अन्‍य स्‍थानीय राजाओं को परास्‍त किया था, की भांति उसे अपने क्षेत्र पर राज्‍य करने की अनुमति दे दी।

दक्षिण में हैडासयस व सिंधु नदियों की ओर अपनी यात्रा के दौरान, सिकंदर ने दार्शनिकों, ब्राह्मणों, जो कि अपनी बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध थे, की तलाश की और उनसे दार्शनिक मुद्दों पर बहस की। वह अपनी बुद्धिमतापूर्ण चतुराई व निर्भय विजेता के रूप में सदियों तक भारत में किवदंती बना रहा।

उग्र भारतीय लड़ाके कबीलों में से एक मालियों के गांव में सिकन्‍दर की सेना एकत्रित हुई। इस हमले में सिकन्‍दर कई बार जख्‍मी हुआ। जब एक तीर उसके सीने के कवच को पार करते हुए उसकी पसलियों में जा घुसा, तब वह बहुत गंभीर रूप से जख्‍मी हुआ। मेसेडोनियन अधिकारियों ने उसे बड़ी मुश्किल से बचाकर गांव से निकाला।

सिकन्‍दर व उसकी सेना जुलाई 325 ईसा पूर्व में सिंधु नदी के मुहाने पर पहुंची, तथा घर की ओर जाने के लिए पश्चिम की ओर मुड़ी।

Page last modified on Wednesday April 2, 2014 05:51:42 GMT-0000