भोगवाद भोगवाद एक मत है। इसके अनुसार विषयों का भोग ही परम साध्य है, अविषयी या वैरागी होना नहीं। सृष्टि में जो कुछ भी है वह मानव के भोगने के लिए ही बना है, ऐसा भोगवादियों का मानना है।