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मानव-आहार

मानव जो आहार या भाजन करता है उसे मानव आहार कहा जाता है।

ये आहार तीन प्रकार के होते हैं - सात्विक, राजसिक तथा तामसिक।

सात्विक आहार वह है जिसमें रस तथा स्निग्ध पर्याप्त मात्रा में हो, जो शरीर को स्थैर्य देने वाल हो, तथा जो हृदयग्राही तथा प्रिय हो।

कटु, अम्ल, लवण, तीक्ष्ण, रूखा आदि आहार को राजसिक कहा जाता है। ऐसे आहार स्वादिष्ट लग सकते हैं परन्तु ये शरीर को उतना स्थैर्य या स्थिरता प्रदान नहीं करते जितना कि सात्विक आहार करते हैं।

तामसिक आहार वह है जिसमें मांस, मदिरा, ठंडा, बासी, सड़ा, गला, जूठा आदि भोजन लिया जाता है। ये आहार मानव के लिए सबसे कम हितकर होते हैं।

आहार संतुलित होना चाहिए तथा उसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोभूजिन (प्रोटीन), स्नेह (फैट), प्रांगोदिय (कार्बोहाइड्रेट), खनिज (मिनरल्स), तथा जल होना चाहिए।

Page last modified on Wednesday April 2, 2014 03:58:56 GMT-0000