यह पावापुरी से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मगध साम्राज्य की प्राचीन राजधानी थी। इस स्थान का संबंध भगवान महावीर और बुद्ध दोनों से है। भगवान बुद्ध की मृत्यु के उपरान्त प्रथम बौद्ध संगीति भी यहीं हुई थी। यहां गर्म पानी के कई झरने हैं। यह शहर सात पहाडियों के बीच बसा हुआ है। यहां ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कई महत्वपूर्ण स्थान हैं।