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राष्‍ट्रपति भवन, नई दिल्‍ली

भारत के राष्‍ट्रपति का आधिकारिक निवास, राष्‍ट्रपति भवन नई दिल्‍ली में राजपथ के पश्चिमी सिरे पर स्थित एक प्रभावशाली भवन है, जिसका दूसरा सिरा इंडिया गेट पर है। इसे एडविन लैंडसीर ल्‍यूटियन ने डिजाइन किया था, यह आकर्षक भवन ब्रिटिश वाइ सराय का पूर्व निवास था। विश्‍व के राज्‍य प्रमुखों के कुछ आधिकारिक आवासीय परिसर इसके आकार, व्‍यापकता और विशालता में राष्‍ट्रपति भवन से तुलना योग्‍य है।

ब्रिटिश वाइ सराय के लिए नई दिल्‍ली में एक आवास निर्मित करने का निर्णय यह तय करने के बाद दिया गया था कि भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्‍ली लाई जाएगी। यह भारत में ब्रिटिश राज के स्‍थायित्‍व की पुष्टि करने के लिए निर्मित किया गया था और यह भवन तथा इसके आस पास के इलाके को पत्‍थर के प्रासाद के रूप में तैयार किया गया था। पत्‍थर के प्रासाद और यहां के विशाल दरबार को 26 जनवरी 1950 के दिन स्‍थायी लोकतंत्र के संस्‍थान में रूपांतरित कर दिया गया जब डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद भारत के राष्‍ट्रपति हुए और इस भवन पर भारत के संविधान को संरक्षित, सुरक्षित और उसकी रक्षा के लिए यहां निवास किया। इस दिन इस भवन का नाम राष्‍ट्रपति भवन रखा गया।

यह भवन 1929 में 4 वर्ष की अवधि के अंदर निर्मित किया जाना था, किन्‍तु इसे पूरा करने में 17 वर्ष लगे। यह विशाल भवन 4 तलों वाला है और इसमें 340 कमरे हैं। यहां 200,000 वर्ग फीट का सतही क्षेत्र है, इसे बनाने में 700 मिलियन ईंटों तथा 3 मिलियन घन फीट पत्‍थरों का इस्‍तेमाल हुआ था। इस भवन के निर्माण में शायद ही कहीं लोहे का इस्‍तेमाल किया गया है। यह भवन दो रंगों के पत्‍थरों से निर्मित किया गया है और इसमें मुगल तथा क्‍लासिकल यूरोपीय शैली की वास्‍तुकला झलकती है। राष्ट्रपति भवन का सबसे अधिक प्रमुख और विशिष्‍ट पक्ष इसका गुम्‍बद है, जो सांची के महान स्‍तूप के पैटर्न पर बनाया गया है। यह गुम्‍बद दूर से ही दिखाई देता है और यह खम्‍भों की लंबी कतार पर खड़ा है, जो राष्‍ट्रपति भवन की भव्‍यता को और अधिक बढ़ा देते हैं।

दरबार हॉल, अशोक हॉल, मार्बल हॉल, उत्तरी अतिथि कक्ष, नालंदा सूट इतने अधिक सजावट वाले हैं कि इन्‍हें देखने वाले लोग सहज भी इनकी सुंदरता और भव्‍यता में खो जाएं। राष्‍ट्रपति निवास के अंदर एक शानदार मुगल गार्डन है जो लगभग 13 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला है और यह ब्रिटिश गार्डन की डिजाइन के साथ औपचारिक मुगल शैली का एक मिश्रण है। मुख्‍य उद्यान मुगल गार्डन का सबसे बड़ा हिस्‍सा है, जिसे पीस द रजि‍स्‍टेंस कहते हैं। यह 200 मीटर लम्‍बा और 175 मीटर चौड़ा है। इसके उत्तर और दक्षिण में टेरिस गार्डन हैं और इसके पश्चिम में टेनिस कोर्ट तथा लॉन्‍ग गार्डन है।

यहां दो नहरें उत्तर से दक्षिण और दो नहरें पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हैं तथा ये इस उद्यान को चौकोर हिस्‍सों में बांटती हैं। यहां कमल के आकार के 6 फव्‍वारे इन नहरों के मिलन बिन्‍दु पर बने हुए हैं। ये सक्रिय फव्‍वारे 12 फीट की ऊंचाई तक पानी की धारा उठाते हैं जो दर्शकों का मन मोह लेते हैं। यहां की नहरे भी अपनी धीमी गति से देखने वालों को मानों बर्फ में बदल देती हैं। नहरों के केन्‍द्र में लकड़ी की एक ट्रे पर चिडियों को चुगाने के लिए दाने डाले जाते हैं। यह उद्यान अनेक प्रकार के स्‍वदेशी और विशिष्‍ट प्रकार के फूलों से अटा पड़ा है, जो बसंत के मौसम में देखने वालों की आंखों में बस जाता है। इन सब के अलावा राष्‍ट्रपति भवन में टेनिस कोर्ट, पोलो ग्राउंड, गोल्‍फ कोर्स और क्रिकेट का मैदान भी है।

मुगल गार्डन हर वर्ष फरवरी - मार्च के महीने में जनता के लिए खोला जाता है। यहां सोमवार के अलावा सभी दिनों पर सुबह 9.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक दर्शक आ सकते हैं। यहां प्रवेश की जानकारी जनता को विभिन्‍न प्रचार माध्‍यमों से दी जाती है। इस उद्यान में आने और जाने के रास्‍तों को राष्‍ट्रपति आवास के गेट नंबर 35 से विनियमित किया जाता है, जो चर्च रोड के पश्चिमी सिरे पर नॉर्थ एवेन्‍यू के पास स्थित है।

Page last modified on Thursday April 3, 2014 04:33:08 GMT-0000