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विवेक

विवेक मनुष्य की वह मानसिक शक्ति है जिसमें वह सत्यासत्य, धर्माधर्म, तथा कर्तव्याकर्तव्य का निर्णय करता है। वास्तव में यह चित्त की अवस्था है जो किसी भी प्रकार से मनुष्य को गलत कार्य करने की अनुमति नहीं देता। इसका उल्लंघन व्यक्ति के लिए हानिकारक होता है।

मन, बुद्धि तथा अहंकार जब इस चित्त पर अपना शासन चलाने में सफल होते हैं तब व्यक्ति में विवेक शक्तिहीन हो जाता है तथा मन की जो अवस्था प्रबल होती है उसी अवस्था की ओर व्यक्ति आगे बढ़ जाता है।

विवेकशील होना मानव सभ्यता की सर्वोत्तम अवस्था है।



Page last modified on Tuesday March 25, 2014 03:48:35 GMT-0000