साहित्यिक ऐतिहासिकतावाद
ऐतिहासिकतावाद के आधार पर साहित्य के सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक पक्षों का उद्घाटन और विश्लेषण कर उसके स्वरूप, प्रतिमानों और मूल्यों का निर्णय करने को साहित्यिक ऐतिहासिकतावाद कहते हैं।ऐतिहासिकतावदी समाज और समकालीन साहित्य के बीज सीधा सम्बंध देखता है।
वह किसी साहित्य में यह देखने का प्रयत्न करता है कि किसी समाज विशेष या युग विशेष का साहित्य उस युग तथा समाज का कितना और कैसा चित्रण करता है तथा उस साहित्य का समाज के विकास में क्या योगदान है। वह साहित्य की सामाजिक व्याख्या करने का पक्षधर होता है।