साहित्य में उल्लास
साहित्य में उल्लास एक अर्थालंकार है। इसमें एक के गुण तथा दोष के प्रभाव से दूसरे में उनके चमत्कारिक ढंग से उत्पन्न होने का वर्णन किया जाता है। गुण से गुण, गुण से दोष, दोष से दोष, तथा दोष से गुण के उल्लसित होने का वर्णन काव्य परम्परा में मिलता है।