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सीसा एक भारी धातु है।

सीसे के कारण विषाक्‍तता
भारी धातुओं की विषाक्‍तता से दीर्घकालिक, मानसिक‑शारीरिक गड़बडि़यां पैदा हो सकती हैं। इनके आम लक्षण हैं – सिरदर्द, थोड़े समय के लिए याददाश्‍त का खो जाना, मति भ्रम पैदा होना, हकीकत को नहीं पहचानना, गलत धारणाएं होना, देखने की समस्‍याएं पैदा होना, बार‑बार थक जाना, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, पेट व आंतों की समस्‍याएं होना, पाचनक्रिया का बिगड़ जाना आदि। कभी कभार ये लक्षण अस्‍पष्‍ट होते हैं और रोग के निदान में परेशानी होती है।

जिन कार्यस्‍थलों पर सीसे की मौजूदगी होती है, वहां काम करने वाले वयस्‍कों और बच्‍चों के शरीर में फेफड़ों या त्‍वचा द्वारा सीसा पहुंच सकता है। कार्बनिक सीसे को त्‍वचा पूरी तरह सोख लेती है। चूंकि रासयनिक तौर पर सीसा कैल्शियम की तरह होता है, इसलिए शरीर भी उसे कैल्शियम की तरह ही लेता है। शरीर में पहुंचने के बाद सीसा हड्डियों, दांतों, यकृत, फेफड़ों, मस्तिष्‍क और तिल्‍ली द्वारा शरीर के सभी अंगों तक पहुंच जाता। धीरे‑धीरे सीसा खून के प्रवाह को भी अवरुद्ध कर सकता है। ध्‍यान रहे कि यदि शरीर में आयरन की जितनी कमी होगी, सीसा जनित विषाक्‍तता उतनी ही अधिक होगी। गर्भवती महिलाओं और बच्‍चों में आयरन की कमी से रक्‍ताल्‍पता पैदा होती है, और वे सीसे की विषाक्‍तता से ग्रस्‍त हो सकते हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है कि ऐसा भोजन किया जाए जिससे कैल्श्यिम, आयरन, फासफोरस या जिंक भरपूर मात्रा में मिल सके।

Page last modified on Wednesday November 16, 2011 11:10:54 GMT-0000