वर्तमान में वित्त मंत्रालय ने 600 करोड़ रुपए तक की कुल परियोजना लागत के साथ प्रस्तावों पर विदेशी निवेश उन्नयन बोर्ड (एफआईपीबी) की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है और 600 करोड़ रुपयों से अधिक की कुल परियोजना लागत वाले प्रस्तावों को आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति के समक्ष भेजा गया है। किसी प्रस्ताव को विचार के लिए सीसीईए के पास भेजना है या नहीं, इसका निर्णय करने के लिए विदेशी इक्विटी अन्तप्र्रवाह समेत वर्तमान कुल परियोजना लागत पर विचार किया जाता है। आज की मंजूरी के बाद सिर्फ उन्हीं प्रस्तावों को सीसीईए के पास विचार के लिए भेजा जाएगा जिनमें 1200 करोड़ रुपए से अधिक के कुल विदेशी इक्विटी अन्तप्र्रवाह शामिल होंगे। 1200 करोड़ रुपए या उससे कम के कुल विदेशी इक्विटी अन्तप्र्रवाह वाले प्रस्तावों पर एफआईपीबी की सिफारिशों पर मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय विचार करेगा।
इसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि जिन मामलों में प्रारंभिक विदेशी निवेश के लिए एफआईपीबी सीसीईए को पहले मंजूरी मिल गई है, उस तरह के मामलों को फिर से मंजूरी के लिए एफआईपीबी सरकार के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस तरह के मामले हैं--
वैसे मामले जिनमें एफआईपीबी सीसीएफआई सीसीईए की पहले मंजूरी की आवश्यकता पड़ती थी और जिन्होंने अपने प्रारंभिक विदेशी निवेश के लिए पहले ही पूर्व मंजूरी प्राप्त कर ली थी लेकिन परिणामस्वरूप जिन गतिविधियों या क्षेत्रों को स्वचालित मार्ग के तहत रखा गया है।
वैसे मामले जिनकी गतिविधियों पर पहले क्षेत्रीय नियंत्रण था और जिन्होंने इसके बाद अपने प्रांरभिक विदेशी निवेश के लिए एफआईपीबी सीसीएफआई सीसीईए के लिए पहले ही पूर्व मंजूरी प्राप्त कर ली थी लेकिन बाद में उन नियंत्रणों को हटा लिया गया था या बढा़ दिया गया था और इस गतिविधि को स्वचालित मार्ग मे खड़ा कर दिया गया।
वैसे मामले जिनमें एफआईपीबीसीसीसएफआईसीसीईए की पूर्व मंजूरी लेने के निर्देश के बाद पूर्व मंजूरी ले ली गई थी और प्रेस नोट 18 1998 या प्रेस नोट 1 2005 के प्रावधानों के दृष्टिकोण से जिनमें यह पूर्व मंजूरी लेने की आवश्यकता थी।
सरकार के और उदारीकरण से यह मंजूरी एफआईपीबी सीसीईए के लिए समय और प्रयासों में बचत करेगी और विदेशी निवेश के अंतप्र्रवाह को भी तेज करेगी।
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विदेशी निवेश उन्नयन बोर्ड (एफआईपीबी) की सिफारिशों को मंजूरी
विशेष संवाददाता - 2010-02-11 12:05
नई दिल्ली: आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विदेशी निवेश के लिए सरकार की पहले मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता वाले मामलों पर नीति की समीक्षा के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति के उन्नयन विभाग के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी।