नागरिक विमान क्षेत्र में हाल के विकास को ध्यान में रखते हुए तथा अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) पर आधारित मौजूदा विमान सेवा समझौते (एएसए) को आधुनिक एंव उन्नत बनाने की दृष्टि से नये एएसए के मसौदे पर 09 सितंबर, 2009 को दोनों देशों के बीच वार्ता हुई थी और हस्ताक्षर हुए थे।

दोनों देश अब आपसी सहमति के आधार पर जितनी एयरलाइन को संचालन की अनुमति देना चाहें दे सकते हैं और इसके लिए संबंधित देश उक्त एयरलाइन को जरूरी अनुमति प्रदान करेगा। प्राधिकृत एयरलाइन अब किसी भी प्रकार के विमान से सेक्शन एक और दो के रूट एक में विभिन्न स्थानों से सप्ताह में 30 हजार सीटों तक के लिए उड़ानों का संचालन कर सकते हैं। नेपाल के प्राधिकृत एयरलाइन मुम्बई और बंगलुरू से हर सप्ताह 10 हजार तक तथा दिल्ली से 15 हजार सीटों तक के लिए उड़ानों का संचालन कर सकते हैं। दोनों देश के प्राधिकृत एयरलाइन सेक्शन एक और दो के रूट दो में विभिन्न स्थानों पर अपनी इच्छानुसार उड़ानों की संख्या तय कर सकते हैं। क्षमता उन्नयन के लिए इसके अलावा और कई प्रावधान किए गए हैं।

दोनों देशों की निर्धारित एयरलाइनें पूर्ण तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम फ्रीडम ट्रैफिक अधिकार के साथ किसी भी प्रकार के विमान से मालवाहक उड़ानों की संख्या तय कर सकते हैं।