समझौते पर हस्ताक्षर से पहले भारतीय और डेनमार्क के शिष्टमंडलों की एक बैठक हुई जिसमें समझौते को लागू करने के तौर तरीकों पर विचार किया गया। इस अवसर पर डा0 ए. दीदार सिंह ने कहा कि डेनमार्क के साथ यह एक महत्त्वपूर्ण समझौता है और इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।
समझौते की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस समझौते से दोनां देशों के बीच सामाजिक सुरक्षा पर सहयोग बढे़गा जिससे एक देश में दूसरे देश के श्रमिकों का सामाजिक सुरक्षा अंशदान की दोहरी अदायगी, अंशदान की हानि, और लाभों की हानि आदि से बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि डेनमार्क की कम्पनियों द्वारा भारतीय श्रमिकों को उनकी भारतीय सहायक कम्पनियों को भेजे जाने पर या भारतीय कम्पनियों द्वारा डेनमार्क में उनकी सहायक कम्पनियों में भेजे जाने वाले श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा अंशदान की अदायगी से छूट दी जाएगी। विदेशों में काम करने वाले कर्मचारियों पर उनके अपने देश के सामाजिक सुरक्षा नियम लागू होंगे।
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय समझौते से सामाजिक सुरक्षा पर निगमित खर्चों में कटौती के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढा़ने में सहायता मिलेगी और प्रवासी व्यसायियों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि समझौते के प्रारूप का ब्यौरा तैयार करने के लिए एक संयुक्त कार्यदल गठित किया जाएगा। दोनों देशों द्वारा आवश्यक प्रक्रियाओं की पूर्ति के बाद ही सामाजिक सुरक्षा समझौता लागू होगा। भारत ने डेनमार्क के साथ सितम्बर 2009 में श्रम गतिशीलता भागीदारी पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
भारत ने हाल ही में बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, लक्समबर्ग और नीदरलैंड के साथ सामाजिक सुरक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं। डेनमार्क में करीब 13,000 भारतीय हैं जिनमें से अधिकांश व्यावसायी और स्वरोजगार व्यक्ति हैं।
भारत और डेनमार्क द्वारा सामाजिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर
विशेष संवाददाता - 2010-02-17 20:18
नई दिल्ली: भारत और डेनमार्क ने आज यहां द्विपक्षीय सामाजिक सुरक्षा समझौते (एसएसए) पर हस्ताक्षर किये। समझौते पर अप्रवासी भारतीय मामला मंत्रालय के सचिव डॉ0 ए.दीदार सिंह और डेनमार्क की रोजगार मंत्री सुश्री इंगर स्टोज़बर्ग ने हस्ताक्षर किये।