किताब रिलीज होने के एक सप्ताह के अंदर ही अमेजन पर 1800 रिव्यू आ गए। उनमें 900 नकारात्मक रिव्यू को हटा दिया गया। प्रकाशन के पहले ही अमेजन ने इसे सबसे बड़ा बेस्टसेलर घोषित कर दिया था। इसमें किसी को आश्चर्य भी नहीं हुआ, क्योंकि यह स्वाभाविक था कि जो उन्हें जीतने में समर्थन कर रहे थे, वे यह जानना चाहते कि वे हारी क्यों।
राष्ट्रपति ट्रंप ने उनकी पुस्तक पर बहुत ही तीखी टिप्पणी की और कहा कि ‘‘क्रुक हिलेरी क्लिंटन खुद अपने को छोड़कर अन्य सभी को अपनी हार के लिए जिम्मेदार मान रही हैं। वह बहस में पराजित हुई और प्रचार की दिशा को ही खो डाला था।’’ अनेक लोग हिलेरी को अभी भी नापसंद करते हैं और उनसे जुड़ी सभी चीजों से नफरत करते हैं। उनके आलोचकों को हिलेरी की आवाज तक में कमी दिखाई देती है। बार बार अपने हेयर स्टाईल को बदलने की हिलेरी की आदत की भी वे आलोचना करते हैं। अनेक तो उनके ड्रेसिंग सेंस तक पर सवाल उठाते हैं। अनेक लोगों का मानना है कि वह बहुत झूठ बोलती हैं।
हिलेरी अपनी पुस्तक में अपनी हार के कारणों में एक कारण खुद के महिला होने को भी बताती हैं। वह कहती हैं कि लाखों लोगों ने मुझे सिर्फ इसलिए वोट नहीं दिया, क्योंकि वे महिला हैं। वह पूछती हैं कि उनके व्यक्तित्व को विभाजनकारी क्यों माना जाता है जबकि जो बिडेन और जाॅन केरी को नहीं माना जाता।
हिलेरी के पक्ष मे बहुत सारी बातें जाती हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी के रूप में उन्होंने बहुत अच्छा काम किया था। विदेश मेंत्री के रूप में भी उनकी भूमिका बहुत ही प्रशंसनीय रही थी। वह बहुत ही महात्वाकांक्षी महिला मानी जाती रही हैं और यह भी समझा जाता है कि वह अपने काम पर ध्यान देने में पीछे नहीं रहती। 2016 के चुनाव में उन्हें 6 करोड़ 58 लाख वोट भी मिले थे। उसके पहले वह अपनी पार्टी के चुनाव में भी जीत चुकी थीं। इसके कारण उन्हे यह नहीं लग रहा था कि वह चुनाव हार जाएंगी।
उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है कि उन्हें यह महसूस ही नहीं हुआ कि उनके पैर के नीचे से जमीन तेजी से खिसकती जाएगी। वह एक पारंपरिक तरीके से चुनाव लड़ रही थीं, जबकि ट्रप रियल्टी टीवी शो चला रहे थे। उसके कारण वे अमेरिकी गुस्से को बढ़ाने में सफल हुए।
हिलेरी ने हार के लिए पहले अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की और उसके बाद उन्होंने ओबामा, जो बिडेन, लिंग भेदभाव, एफीआई प्रमुख जेम्स काॅमी और अपने प्रतिद्वंद्वी बर्नी सैन्डर्स को अपनी हार के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया है। वह अभी तक यह स्वीकार नहीं कर पाई हैं कि वह चुनाव हार चुकी हैं। वह पुस्तक में कहती है कि यदि वह जीतती, तो वह क्या क्या करतीं।
हिलेरी के जेंडर कार्ड ने काम नहीं किया। जितनी महिलाओं के वोट पाने की वह उम्मीद कर रही थीं, उतनी महिलाओं ने उन्हें मत नहीं दिए। पुस्तक रिलीज होने के बाद अनेक महिलाओं ने कहा कि वे भले ही चुनाव हार गई हों, लेकिन उन्होंने अन्य महिलाओं को जीत का रास्ता दिखा दिया है। उनकी एक समर्थक ने कहा कि भले ही हिलेरी हार गई हों, लेकिन जो कोई भी भविष्य में पहली महिला राष्ट्रपति बनेंगी, वह उस पद पर बैठने के बाद हिलेरी को धन्यवाद देंगी कि उन्होंने उनके लिए मार्ग तैयार कर दिया था। (संवाद)
संयुक्त राज्य अमेरिका
हिलेरी क्लिंटन ने अपनी हार का कारण गिनाया
डेमोक्रेटिक नेता में अभी भी ध्रुवीकरण की ताकत
कल्याणी शंकर - 2017-09-20 18:10
राष्ट्रपति चुनाव हारने के 10 महीनों के बाद हिलेरी क्लिंटन एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में हैं। इसका कारण उनके द्वारा लिखी गई एक किताब है। 494 पृष्ठों की इस किताब में हिलेरी ने राष्ट्रपति चुनाव का अपना विश्लेषण लिखा है। इसमें उन्होंने अपनी हार के कारणों की समीक्षा की है। नई किताब आने के बाद एक बार फिर अमेरिकी समाज में विभाजन देखने को मिल रहा है। कुछ लोग हिलेरी के पक्ष में खड़े हैं, तो कुछ लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं।