दूसरी तरफ पाक के बारे आम धारणा आज तक यहीं बनी हुई है कि वहां की हुकुमत पर आतंकवादियों का प्रभाव है जिससे भारत - पाक के रिश्तें में सुधार बहुत प्रयास करने के वावजूद भी आज तक नहीं हो पाया। पाक की अवाम भी हमारे देश की तरह ही लोकतंत्र में विश्वास करती है। इसी कारण वहां जब - जब भी आम चुनाव हुये है, जो सरकार बनी है, भारत - पाक से रिश्तें बेहतर बनाने के प्रयास भी किये जिससे सदभावना रेल यात्रा के माध्यम से एक बार दोनों देशों के नागरिकों को एक दूसरे देश में यात्रा कर अपने रिश्तेदारों से मिलने का सुअवसर भी मिला पर यह सुखद यात्रा आतंकवादियों के बढ़ते कदम के कारण ज्यादा दिन सफल नहीं हो सकी ।

वहां की सरकार पर वहां की सेना का भी प्रभुत्व बना हुआ है। आतंकवादियों से जुड़े रहने के कारण पाक का आजतक समुचित विकास भी नहीं हो पाया है। दोनों देश आज तक कश्मीर मामलें को लेकर उलझते ही रहे है जिसे उलझाने में पाक में सक्रिय आतंकवादी गिरोह का सक्रिय योगदान रहा है। जो अवाम में युवा वर्ग को सर्वाधिक रूप से गुमराह करते रहे है जिससे कश्मीर आजतक अशांत क्षेत्र बना हुआ है। जिसके वजह से सेना एवं आतंकवादियों द्वारा किये गये गुमराह आमजन के बीच झ़़ड़प होती ही रहती है। वर्तमान में हुये आम चुनाव में पाक की सŸाा फिलहाल एक ऐसे व्यक्ति के पास आ रही है, जिसे अमन चैन का प्रतीक माना जा रहा है। वह खेल प्रेमी है।

चुनाव से पूर्व वह भी पाक के पूर्व शासकों की तरह भारत - पाक रिश्तें को बेहतर बनाये जाने की बात तो की है पर चुनाव उपरान्त पाक शासक बनने के बाद उनकी अवधारणा क्या होगी , समय के गर्भ में अभी छिपा है। देखना है कि वह अपने आप को वहां के वर्तमान परिवेश से कितना बाहर कर पाते है या उन्हीं में ढल जाते है जिनके कारण आज तक भारत - पाक के रिश्तें नहीं मधुर हो सके। चुनाव पूर्व से ही शानदार क्रिकेटर से अपनी बेहतर पहचान बनाने वाले इमरान खान पर मजहबी रूढ़ीवादी होने एवं अमेरिका में घोषित आतंकवादी संगठन अलकायदा ग्रुप का समर्थन पाने के आरोप लगते रहे है। जिनकी व्यक्गित जिंदगीं पारिवारिक विवादो से घिरी हुई है। उन्हें तालिबान समर्थक भी माना जा रहा है। इस तरह के परिवेश से घिरे इस्लामिक वेलफेयर स्टेट का वायदा करने वाले पाक के नये शासक इमरान खान से भारत के रिश्तंे कितने बेहतर हो सकेंगे, कह पाना अभी कठिन है। जब कि पाक की अवाम अमन चैन चाहती है।

पाक में बदलते 70 वर्ष के इतिहास में सŸाा परिवर्तन के दूसरे लोकतांत्रिक परिदृृश्य के तहत हुये आम चुनाव में नेशनल असेम्बली की 272 सीटों के लिये 3459 उम्मीदवार चुनावी मैदान में खड़े रहे जिसमें से इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक- ए इंसाफ ,पीटीआई को सर्वाधिक सीट मिली जो गठबंधन कर फिलहाल पाकिस्तान में सरकार गठित कर सकती है। भ्रष्टाचार से आरोपित एवं भ्रष्टाचार के कारण प्रधानमंत्री पद से हटाये गये नवाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लिग - नवाज, पीएमएल-एन दूसरे नम्बर एवं बिलावल भुट््टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी , पीपीपी तीसरे पावदान पर खड़ी रही। जब कि चुनाव के दौरान पीपीपी एवं पीएमएल-एन ने धांधली होने का आरोप भी लगाया है।

342 सदस्यों वाली पाक असेंबली में 272 सदस्यों के सीधे तौर पर चुने जाने की प्रक्रिया है एवं 60 सीटें महिलाओं तथा 10 सीटे धार्मिक अल्पसंख्यख वर्ग के लिये आरक्षित है । 172 सीट पाने वाला राजनीतिक दल अपने बलबुते पर वहां सरकार बना सकता है। वर्तमान में इमरान की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में पाक चुनाव में उभर कर सामने आई है जिसे सरकार बनाने के लिये पूर्ण बहुमत नहीं मिला है पर गठबंधन कर यह पार्टी पाक में सरकार गठित कर सकती हे। फिलहाल पाक की बागडोर पीटीआई के हाथ ही आती दिखाई दे रही है जिसके नये कप्तान इमरान खन होंगे। जिनके सामने अनेक चुनौतियां है। जिसमें से अमरिका से संबंध बनाने एवं उसका विश्वास हासिल करने की प्रक्रिया प्रथम प्राथमिकता में है। भ्रष्टाचार के विरोध आवाज लगाकर सŸाा तक पहुंचने वाले इमरान खान पाक में व्याप्त भ्रष्टाचार को कितना दूर कर पाते है, दूसरी चुनौती है। सबसे बडी चुनौती पाक को आतंकवादियों से दुर रख अमन चैन स्थापित कर एक नया महौल कायम करने के साथ - साथ आर्थिक कठिनाईयों से बाहर निकालते हुये पाक को विकास पथ पर ले जाने एवं पड़ौसी राष्टोंª से बेहतर संबंध बनाने का है जिसमें वे कितना सफल हो पाते है, आगे आने वाला समय ही बता पायेगा। पर पाक का ताज अपने आपमें एक राज है जो हर बार एक नया इतिहास रचता आ रहा है।

फिर भी इमरान के नेतृृत्व में पाक में एक नये युग शुरू होने का इंतजार है, जहां पाक की आम जनता की अमन चैन की अवधारणा कायम हो सकेगी। जिससे भारत - पाक के बिगड़ते हालात में सुधार हो सकेगा। जहां पाक के इस नये आलोक में कश्मीर की समस्याओं का बेहतर हल उभर कर सामने आ सकेगा तथा आपसी भाईचारा एवं सौहार्द का एक नया इतिहास कायम हो पायेगा । इसी उम्मीद के साथ पाक में सŸाा परिवर्तन के इस नये दौर का स्वागत है। (संवाद)