स्टारमर के नेतृत्व में लेबर पार्टी ब्रिटेन में मजदूर वर्ग को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों पर मध्यमार्गी रुख अपना रही है, जब से पहले के नेता वामपंथी जेरेमी कॉर्बिन को स्टारमर ने नेतृत्व से बाहर कर दिया था। पिछले दो सालों में लेबर पार्टी के अंदर कॉर्बिनाइट्स और स्टारमर गुटों के बीच अंदरूनी खींचतान तेज हो गयी है, जिसके कारण 4 जुलाई के चुनावों में जेरेमी कॉर्बिन सहित कई वामपंथी नेताओं को उम्मीदवारी से वंचित कर दिया गया। हालांकि, कॉर्बिन ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और स्टारमर समूह द्वारा उन्हें हराने के सभी प्रयासों के बावजूद अपने निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की।

लेबर पार्टी की जीत का अंतर मोटे तौर पर टोनी ब्लेयर की 1997 की जीत के अनुरूप है, और टोरीज़ के लिए उतना बुरा नहीं है जितना कि पिछले दस दिनों में कुछ जनमत सर्वेक्षणों ने भविष्यवाणी की थी। नये कार्यकाल में लेबर को कॉमन्स में बहुत आरामदायक बहुमत मिलेगा। कंजर्वेटिव पार्टी में लगातार गुटबाजी और निगेल फरेज द्वारा रिफॉर्म पार्टी के उभरने का पूरा फायदा लेबर को मिला, जिसने टोरीज़ के लगभग 15 प्रतिशत वोट आधार को छीन लिया। मतदान विवरण से पता चलता है कि 91 सीटों के साथ लिबरल डेमोक्रेट्स ने कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में टोरीज़ के पारंपरिक चुनावी आधार को भी खत्म कर दिया। निवर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपनी पार्टी की हार स्वीकार कर ली, लेकिन उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी है। अब मुद्दा यह है कि क्या वह नये सदन में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में अपनी स्थिति बनाये रख पायेंगे?

कीर स्टारमर को एक टूटा हुआ ब्रिटेन विरासत में मिला है, जिसमें लाखों लोग बिलों का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसे ठीक करने के लिए, नयी लेबर सरकार को श्रमिकों की वास्तविक मांगों के प्रति मितव्ययिता और लोकतंत्र विरोधी रवैये से मुंह मोड़ना होगा। ब्रिटिश लोग इस बात से नाराज हैं कि असैन्य आजीविका के लिए सामान्य सेवाओं का मानक गिर गया है। अर्थव्यवस्था में नयी नौकरियों को जोड़ने के लिए सुनक के नवीनतम प्रयासों के बावजूद, बेरोजगारी की समस्या गंभीर है। नयी लेबर सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा को अधिक धन देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के लिए बहुत कुछ करना है।

सर कीर स्टारमर 2024 के चुनावों में लेबर को सत्ता में लाने का श्रेय ले सकते हैं, जैसा कि टोनी ब्लेयर ने 1997 में किया था। अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में खामियों को दूर करने के लिए सुधारात्मक उपाय करने के साथ शुरुआत करने का उनके पास अच्छा अवसर है। जेरेमी कॉर्बिन और लेबर पार्टी से वामपंथी लोगों के बाहर होने के बाद, ब्रिटिश व्यवसायी और अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भी स्टारमर सरकार के प्रति अच्छी तरह से सहयोग को इच्छुक हैं।

कोई भी उम्मीद नहीं करता कि नयी लेबर सरकार मौलिक बदलाव लायेगी, न तो व्यापक आर्थिक नीति में और न ही विदेश नीति में। फिर भी लेबर की जीत यूरोपीय संसद में उनकी बड़ी जीत के बाद अति-दक्षिणपंथी ताकतों द्वारा वर्चस्व के खिलाफ़ यूरोपीय लोगों की लड़ाई में एक सकारात्मक घटनाक्रम है।

फ्रांस 7 जुलाई को अपने दूसरे दौर के महत्वपूर्ण चुनावों में जा रहा है। अति-दक्षिणपंथ विरोधी ताकतें मरीन ले पेन की प्रमुख अति-दक्षिणपंथी पार्टी आरएन के खिलाफ़ एकजुट होने के संकेत दे रही हैं। यहाँ तक कि फ्रांसीसी फुटबॉल स्टार काइलेन एमबाप्पे ने भी घोषणा की है कि 'हम अपने देश को ली पेन के हाथों में नहीं जाने दे सकते।' यह जागरूकता बढ़ रही है कि फासीवाद दरवाजे पर दस्तक दे रहा है और इसे संयुक्त प्रयासों से रोका जाना चाहिए। फ्रांसीसी चुनावों से ठीक दो दिन पहले लेबर की जीत यह संदेश देती है कि अगर नागरिक हाथ मिला लें तो दक्षिणपंथी और अति-दक्षिणपंथी दोनों राजनीतिक शक्तियों को हराया जा सकता है। (संवाद)