इससे पहले, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि उन्हें एक ईरानी अंगरक्षक के साथ उनके आवास में निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए ईरान गये थे। पेजेशकियन को पिछले महीने राष्ट्रीय चुनावों में ईरान का नया राष्ट्रपति चुना गया था। 30 जुलाई को उनके शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम एशियाई देशों के कई वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया था।
हनियेह उग्रवादी समूह के निर्वासित राजनीतिक प्रमुख थे और उन्होंने हाल के वर्षों में अपना अधिकांश समय कतर और तुर्की में बिताया था। उन्हें एक व्यावहारिक व्यक्ति माना जाता है। उन्होंने इज़राइल-गाजा युद्ध के दौरान युद्ध विराम वार्ता में एक वार्ताकार के रूप में काम किया था। उन्होंने हमास के मुख्य सहयोगी ईरान के साथ संपर्क किया था और तुर्की के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। उन्हें एक कुशल वार्ताकार के रूप में बहुत महत्व दिया जाता था और हमास नेतृत्व ने पिछले साल 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से इज़राइल के खिलाफ़ हमास की लड़ाई के लिए सहायता का आयोजन करने में उनके कौशल का उपयोग किया।
हनियेह को खालिद मेशाल की जगह लेने के लिए 2017 में हमास राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख चुना गया था, लेकिन वह पहले से ही एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे, क्योंकि 2006 में उस वर्ष के संसदीय चुनाव में हमास की अप्रत्याशित जीत के बाद वे फ़िलिस्तीनी प्रधानमंत्री बन गये थे। तुर्की सरकार के साथ उनके अच्छे संबंध थे और उन्होंने राष्ट्रपति एर्दोगन से फिलिस्तीनी लड़ाकों के पक्ष में वित्तीय और अन्य सहायता का प्रबंध किया था। अब तक इजरायल के युद्ध में 39,400 फिलिस्तीनी मारे गये हैं और आधिकारिक तौर पर घायलों की संख्या 90,996 बतायी गयी है।
मारे गये हमास नेता गाजा में फिलिस्तीनियों और इजरायल के बीच संघर्ष विराम पर बातचीत की प्रक्रिया का हिस्सा थे, जिसकी निगरानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कर रहे थे। पिछले सप्ताह वाशिंगटन की अपनी यात्रा के दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को राष्ट्रपति बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस दोनों ने जल्द से जल्द संघर्ष विराम को अंतिम रूप देने के लिए कहा था। नेतन्याहू ने हमेशा की तरह देरी के लिए हमास नेतृत्व को दोषी ठहराया।
ताजा घटनाक्रम ने हमास नेतृत्व को नाराज कर दिया है और इस बात की पूरी संभावना है कि यह तनाव और बढ़ सकता है, क्योंकि लेबनान और तुर्की दोनों ही हमास का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। लेबनान स्थित हिजबुल्लाह ने पिछले सप्ताह गोलन हाइट्स पर 12 लोगों की हत्या की थी, जिसमें बच्चे और महिलाएं शामिल थीं। इसके जवाब में इजरायल ने मंगलवार को बेरूत पर हवाई हमला किया, जिसमें गोलन हाइट्स पर हमले के लिए जिम्मेदार हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर को निशाना बनाया गया।
इजरायल ने कहा कि पिछले सप्ताह के हमले के लिए लेबनान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। लेबनान स्थित आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के अलावा, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि तुर्की फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल में प्रवेश कर सकता है। अगर उनके शब्दों को कार्रवाई में बदला जाता है, तो यह वर्तमान युद्ध को एक नया आयाम देगा, क्योंकि तुर्की नाटो का सदस्य है और नाटो के अपने सदस्यों के लिए कुछ नियम हैं। पहले ही इजरायल ने नाटो के समक्ष विरोध जताया है कि तुर्की आतंकवादियों को वित्तीय धन पहुंचाने का एक जरिया है। अब भौतिक भागीदारी फिलिस्तीन-इजरायल युद्ध के क्षेत्रों का और विस्तार करेगी। अगले कुछ दिन मध्य पूर्व में महत्वपूर्ण होंगे। (संवाद)
तेहरान में हमास नेता हनीयेह की हत्या से मध्य पूर्व में युद्ध भड़कने की संभावना
फिलिस्तीनियों द्वारा जवाबी कार्रवाई की तैयारी, गाजा पर युद्धविराम की उम्मीदें धराशायी
नित्य चक्रवर्ती - 2024-08-01 10:49
बुधवार को मध्य पूर्व में अभूतपूर्व उथल-पुथल मच गयी, जब खबर आयी कि तेहरान में सुबह अज्ञात बंदूकधारियों ने उनके आवास में हमास नेता इस्माइल हनीयेह की हत्या कर दी। हालांकि ईरानी सरकार ने कहा कि वे हत्या की जांच कर रहे हैं और इजरायली सरकार ने आधिकारिक तौर पर चुप्पी साधे रखी, लेकिन फिलिस्तीन के नेताओं ने इसे 'विश्वासघाती ज़ायोनी छापा' करार दिया।