आइल ऑफ मान के साथ समझौते की मुख्य विशेषताएं हैं:
- यह पारदर्शिता और जानकारी के आदान-प्रदान के अंतरराष्ट्रीय मानक पर आधारित है ।
- प्रशासन के लिए सूचना उपयुक्त तौर पर पूर्वाभासी होनी चाहिए और कर के संबंध में अनुबंधित पार्टियों के लिए घरेलू कानूनों को लागू करने में समझौते में समाविष्ट ।
- अनुमानित तौर पर संबद्ध शर्तों को सही ठहराने के क्रम में मांगी गई जानकारी के बारे में कुछ नयूनतम विवरण मांगकर्ता देश की ओर से उपलब्ध कराना होगा।
- सूचना गुप्त रखी जाएगी और केवल निर्दिष्ट व्यक्ति या प्राधिकारी, जो कर अधिकारी या कर अपील के आकलन से संबंधित अधिकारी होंगे, उनके समक्ष यह खुलासा हो सकता है।
- अनुरोध करने वाली पार्टी के सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति से किसी भी अन्य व्यक्ति या संस्था या प्राधिकारी या क्षेत्राधिकार के समक्ष सूचना का प्रकटीकरण किया जा सकेगा।
- अपने कर उद्देश्यों के लिए इस तरह की सूचना की जरूरत न होने पर भी सूचना के लिए अनुरोध करने वाली पार्टी के लिए विशेष प्रावधान है ।
- बैंकिंग और स्वामित्व जानकारी प्रदान करने के लिए भी विशेष प्रावधान है।
- समझौते के अंतर्गत आपराधिक मामलों में अतीत की जानकारी के आदान-प्रदान की भी अनुमति है
भारत और आइल ऑफ मान ने कर सूचना के आदान-प्रदान के करार पर हस्ताक्षर किए
विशेष संवाददाता - 2011-02-07 13:09
भारत और आइल ऑफ मान ने लंदन में 4 फरवरी 2011 को कर सूचना के आदान - प्रदान के समझौते (टीआइईए) पर हस्ताक्षर किए। भारत की ओर से इस समझौते पर यूनाइटेड किंगडम में भारत के उच्चायुक्त श्री नलिन सूरी ने हस्ताक्षर किए और आइल ऑफ मान की और से वहां के माननीय राजकोष मंत्री श्री ऐनी क्रेन ने हस्ताक्षर किया। भारत द्वारा दिल्ली में 7 अक्तूबर, 2010 को बरमूडा के साथ पहले टीआइईए पर हस्ताक्षर किया गया था।