दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने की विपुल संभावनाएं हैं। भारत अनेक चीजों का पाकिस्तान को निर्यात कर सकता है और दूसरी तरफ पाकिस्तान भी भारत को बहुत कुछ निर्यात कर सकता है। भौगोलिक नजीदीकी दोनांे को व्यापार बढ़ाने में बहुत मददगार हो सकती है, लेकिन दोनों देशों के बीच चलने वाला राजनैतिक तनाव व्यापारिक संबंधों के रास्ते का रोड़ा बना हुआ है।
बीच बीच में दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने की कोशिशें होती हैं, लेकिन फिर राजनीति के कारण मामला जहां का तहां रह जाता है। मोहाली में हुए क्रिकेट मैच के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने की एक नई शुरुआत हुई है। उसी भावना को आगे बढ़ाते हुए दोनों देशों के व्यापार सचिव वार्ता कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा नहीं दिया है। उसका कहना है कि वह भारत को यह दर्जा तभी देगा, जब कश्मीर की समस्या का हल निकल जाएगा। यह दर्जा वैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कोई खास महत्व नहीं रखता, लेकिन इससे किसी देश को किसी अन्य देश के प्रति रवैये का तो पता चलता ही है। भारत चाहता है कि पाक्स्तिान भारत को यह दर्जा दे दे।
पाकिस्तान के साथ भारत की एक और समस्या है। आम तौर पद देश किसी देश से आयात न करने वाली चीजों की एक नकारात्मक सूची तैयार करते हैं। उसमें उसका उद्देश्य उन चीजों के घरेलू उद्योग की रक्षा करना होता है, लेकिन पाकिस्तान ने इसके उलट भारत के लिए 1938 चीजों की एक सकारात्मक सूची तैयार कर रखी है, जिनके अलावा किसी और चीज में भारत के साथ उसका व्यापार होगा ही नहीं। उनमें भी करीब 100 वस्तुओं का व्यापार वाधा- अटारी के रास्ते से हो सकता है। भारत पाकिस्तान की इस नीति में भी बदलाव की उम्मीद रखता है।
औद्योगिक सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान भारत से नन टैरिफ बाधाओं को हटाए जाने की मांग कर सकता है। उसकी मुख्य आपत्ति सीमेंट के व्यापार को क्वालिटी कंट्रोल के नाम पर बाधित करने के खिलाफ है। भारत द्वारा कपड़े और कृषि उत्पादों के पाकिस्तान से आयात पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर भी पाकिस्तान अपनी नाखुशी जता सकता है।
अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर भारतीय अधिकारी ने बताया कि भारत का राजनीतिज्ञ तबका देश की कृषि लॉबी के दबाव में आकर कृषि उत्पादों के पाकिस्तान से भारी मात्रा में आयात का विरोध करता है, जिससे आयात बाधित होता है। यही हाल कपड़े सेक्टर का भी है। भारतीय अधिकारी का कहना है कि भारत का अपना बाजार इतना बड़ा है कि पाकिस्तान से होने वाला बड़ा आयात भी इसके लिए थोड़ा ही होगा, फिर भी पाकिस्तानी आयात के प्रति संकोच दिखाया जाता है।
जाहिर है राजनीति दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार में बाधा बनती रही है। आने वाले दिनों में भी यह समस्या बनी रह सकती है, हालांकि इस स्थिति को बदलने के प्रयास भी होते रहेंगे। बातचीत के दौरान एक कोशिश पाकिस्तान के बिजली ग्रिड को भारत के उत्तरी बिजली ग्रिड से जोड़ने का मुद्दा भी उठाया जा रहा है। (संवाद)
भारत पाकिस्तान व्यापार संबंध: रिश्ते सुधारने की कोशिश
विशेष संवाददाता - 2011-04-28 20:25
नई दिल्लीः भारत और पाकिस्तान ने आपसी व्यापार बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके लिए दोनों देशों के वाणिजय सचिवों की एक बैठक 27 और 28 अप्रैल को इस्लामाबाद में हो रही है। भारत को उम्मीद है कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध बढ़ाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की पृष्ठभूमि तैयार होगी।